Institute of Applied Sanskrit- Shaastriya Knowledge | सुशासन-तन्त्र की महाभारत पर आधारित प्रश्नावली सुशासन-तन्त्र की महाभारत पर आधारित प्रश्नावली | Institute of Applied Sanskrit- Shaastriya Knowledge
Institute of Applied Sanskrit- Shaastriya Knowledge
(An undertaking of Angiras Clan), Chandigarh

अनुप्रयुक्त संस्कृत- शास्त्रीय ज्ञान संस्थान
(आंगिरस कुल का उपक्रम), चण्डीगढ़

House no - 1605, Sector 44 B, Chandigarh. (UT). Pin- 160044

E-mail - sanskrit2010@gmail.com, Mobile - 9464558667

Collaborators in Academic Karma - Saarswatam ®, Chandigarh(UT), Darshan Yoga Sansthaan, Dalhousie(HP)

सुशासन-तन्त्र की महाभारत पर आधारित प्रश्नावली

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क्या आज राज्य संबंधी कार्यो के निर्वाह के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध है?

क्या आज सर्कार द्वारा कृषि, व्यापार, सुरक्षा, पुलों का निर्माण, कर आदि कार्यो का उचित प्रबंध किया जाता है?

क्या आज वृद्ध अनुभवी, शुद्ध ह्रदय वाले, कुशल, कुलीन और विद्वान पुरुषो को मंत्री के पद पर नियुक्त किया जाता है?

क्या राज्य की विकास संबंधी नीतियों को लागु करने में विलंब तो नहीं किया जाता?

क्या राज्य का धनि वर्ग व्यसनों से बचा हुआ है?

क्या राज्य के किसानो और श्रमजीवी मनुष्यो की अवज्ञा तो नहीं की जाती?

क्या राज्य में धर्म और सम्पूर्ण शास्त्रों के मर्मज्ञ विद्वानों को शिक्षक नियुक्त किया गया है?

क्या आज राज्य में धन धान्य, अस्त्र शास्त्र, जल, यंत्रो और सैनिको की पर्याप्त व्यवस्था है?

क्या राज्य के कर्मचारियों और सैनिको को भत्ता समय पर प्राप्त होता है?

क्या शत्रुओ से रक्षा के लिए तथा राज्य की उचित देखभाल के लिए योग्य गुप्तचरों की नियुक्ति की गयी है?

क्या राज्य का कार्य न्यायपूर्वक चलता है?

क्या लोगो को कठोर दंड से पीड़ित तो नहीं किया जाता?

क्या लोगो द्वारा कठोरतापूर्वक कर तो ग्रहण नहीं किया जाता?

क्या राज्य की सुरक्षा के लिए शूरवीर, निर्भय, निष्कपट और प्रकर्मी सैन्य अधिकारियो को नियुक्त किया गया है?

क्या राज्य द्वारा पुरुषार्थी व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है?

क्या विद्या से विनयशील और ज्ञान तथा कलानीपूर्ण मनुष्यो को यथा योग्य धन आदि पुरुस्कारो से सम्मानित किया जाता है?

जो वियक्ति राज्य की सुरक्षा व हित के लिए अपने प्राणो को सहर्ष त्याग देते है, उनके परिवार के योग-क्षेम की व्यवस्था की जाती है?

क्या जनता सर्कार को समदर्शी एवं विश्वसनीय मानते है?

क्या सर्कार द्वारा वृद्धो, गुरुजनो, दीन - दुखियो एवं असहाय लोगो को धन धन्य आदि की सहायता दी जाती है?

क्या राज्य के अधिकारी लोभी, अपराधी अथवा व्यावहारिक अनुभव हीं तो नहीं है?

क्या राज्य के अधिकारियो व उनके सम्बन्धियों द्वारा जनता को पीड़ा तो नहीं पहुंचायी जाती?

क्या राज्य के किसान संतुष्ट है? उन्हें खेती के लिए केवल वर्षा के जल पर ही निर्भर रहना पड़ता है?

क्या किसान का अन्न एवं बीज नष्ट तो नहीं होता?

क्या किसानो को ब्याज पर ऋण दिया जाता है?