Institute of Applied Sanskrit- Shaastriya Knowledge
(An undertaking of Angiras Clan), Chandigarh

अनुप्रयुक्त संस्कृत- शास्त्रीय ज्ञान संस्थान
(आंगिरस कुल का उपक्रम), चण्डीगढ़

House no - 1605, Sector 44 B, Chandigarh. (UT). Pin- 160044

E-mail - sanskrit2010@gmail.com, Mobile - 9464558667

Collaborators in Academic Karma - Saarswatam ®, Chandigarh(UT), Darshan Yoga Sansthaan, Dalhousie(HP)

वेदव्यास संस्कृत की पुनःसंरचना योजना के अधीन संगीत, संस्कृत विभाग एवम् एस डी एच डी एण्ड रि सेण्टर, एस डी कालेज, अम्बाला छावनी द्वारा अकादमिक परिज्ञान विस्तार हेतु तबला-वादन और 14 शिवसूत्र – श्रवण एवम् मनन विषय पर 22 नवम्बर, 2018 , वीरवार को “प्रसिद्ध एवं लब्धप्रतिष्ठ गायक श्री हेम भारद्वाज जी एवम् प्रसिद्ध एवं लब्धप्रतिष्ठ तबला वादक श्री प्रवीण राठी जी के द्वारा प्रस्तुति दी गई जिसकी अध्यक्षता डा राजेन्द्र सिंह द्वारा डा. परमजीत कौर, डा. अलका शर्मा, डा. हररूप विर्क, डा. नवीन गुलाटी, डा. जोगेंद्र सिंह,डा. प्रेम सिंह, डा. शशि राणा, प्रो. मीनाक्षी शर्मा, श्री बी डी थापर, श्री अनिल मित्तल और अन्य श्रोताओं की उपस्थिति में की गई । परिचर्चा का आरम्भ पी पी टी के माध्यम से तबले और डमरू के ध्वनिगत सम्बन्धों को स्पष्ट करते हुए शिवसूत्रों और पड़न्त की समानता को प्रदर्शित कर नई सम्भावना को खोजने का प्रयास किया गया। अनन्तर दोनों कलाकारों ने तबले की विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन किया। अन्त में डा. परमजीत कौर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भविष्य में अन्तर्वैषयिक परिचर्चाओं के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसी परिचर्चाओं के आयोजन से न केवल अकादमिक वातावरण का निर्माण होता है बल्कि आपसी समझ, सद्भावना और दृष्टि की व्यापकता की उपलब्धि भी होती है।
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सादर
आशुतोष आंगिरस

डा. परमजीत कौर, संयोजिका एवं अध्यक्षा

डा. राजेन्द्र सिंह, प्रचार्य एवं संरक्षक

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