Institute of Applied Sanskrit- Shaastriya Knowledge
(An undertaking of Angiras Clan), Chandigarh

अनुप्रयुक्त संस्कृत- शास्त्रीय ज्ञान संस्थान
(आंगिरस कुल का उपक्रम), चण्डीगढ़

House no - 1605, Sector 44 B, Chandigarh. (UT). Pin- 160044

E-mail - sanskrit2010@gmail.com, Mobile - 9464558667

Collaborators in Academic Karma - Saarswatam ®, Chandigarh(UT), Darshan Yoga Sansthaan, Dalhousie(HP)

लब्धास्पदोऽस्मीति विवादभीरोस्तितिक्षमाणस्य परेण निन्दाम्

सन्तोषप्रद सूचनाएं २८ जून, २०१८
लब्धास्पदोऽस्मीति विवादभीरोस्तितिक्षमाणस्य परेण निन्दाम्। यस्यागमः केवलजीविकायै तं ज्ञानपण्यं वणिजं वदन्ति॥ १-१७ मालविकाग्निमित्रम्

१.“वेदव्यास संस्कृत की पुनःसंरचना योजना” के अधीन एस.डी. कालेज एवं जी.एम.एन. कालेज, अम्बाला छावनी के संस्कृत विभागों द्वारा डिप्टी डायरेक्टर, हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग, पञ्चकूला के साथ चर्चा में संस्कृत विषय के सम्बन्ध में प्रदत्त निवेदन पत्र के अनुकूल निजी-महाविद्यालयों के लिए “छात्रों की न्यूनतम संख्या” सम्बन्धी आदेश-पत्र शीघ्र ही ह.उ.शि.विभाग द्वारा निर्गमित कर दिया जाएगा।
२. इसके साथ ही यह भी उनके संज्ञान में लाया गया संस्कृत के पाठ्यक्रमों में अपेक्षित प्रयोगपरकता आश्रित अपेक्षित परिवर्तन करने के लिए ह.उ.शि.विभाग अपने स्तर पर संस्कृतज्ञों एवम् संस्कृत-मित्रों की वाद-प्रतिवाद आधारित परिचर्चा आयोजित की जाए ताकि संस्कृत विषय अपने शास्त्रों की उपयोगिता, संगतता,उद्यमिता और वैचारिक अग्रगामिता के कारण प्रतिष्ठित हो। इस विषय को डी जी एच ई के संज्ञान में लाने का आश्वासन उन्होने दिया।
३. इसके साथ ही योजनाधीन संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के विषय में आग्रह किया गया कि वहां वे शास्त्रीय उपयोगितापूर्ण पाठ्यक्रम (सैद्धान्तिक एवम् प्रायोगिक) को ही आरम्भ किया जाए और इसका कुलपति वह होना चाहिए जो शास्त्र की व्यवहारिक-प्रयोगपरकता से परिचित हो। इस विषय में विस्तृत विचार-पत्र और पावरपाईंट प्रस्तुति दी जाएगी।
४. अन्य सूचना- हरियाणा आयुष विभाग, पञ्चकूला से सप्त-दिवसीय संस्कृत शास्त्राधारित प्रशिक्षण कार्यशाला की मौखिक अनुमति प्राप्त हो गई है जिसके अधीन छात्रों (विशेष रूप से संस्कृत छात्रों ) को भारत सरकार की स्टार्ट-अप योजना के अधीन स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। इसका दायित्व अम्बाला आयुष विभाग को दिया गया है। विस्तृत रूपरेखा निश्चित होते ही सभी उद्यमी एवं उत्सुक संस्कृतज्ञों और संस्कृत मित्रों से सांझी की जाएगी।

५. अन्य सूचना – निदेशक, हरियाणा संस्कृत अकादमी से निवेदन किया गया है कि शीघ्र ही हरियाणा के प्रत्येक जिले के स्तर पर ३ घण्टे की सघन चर्चा “संस्कृत-शास्त्रों की व्यवहारपरकता” “Application of Sanskrit Shaastraas” विषय पर संस्कृतज्ञों और संस्कृत-मित्रों की आयोजित करें जिसमें कोई भाषण नहीं होगा, न ही कोई औपचारिकता, केवल निष्कर्ष लक्षित सघन-चर्चा हो जिसका संक्षेप-सार ह.उ.शि. विभाग को लागू करने के लिए सौंपा जाए। इस कार्य के लिए उन्होंने अनुमति प्रदान कर दी है ।

इन सभी कार्यों के लिए डा. राजेन्द्रा, अध्यक्षा, संस्कृत विभाग, जी एम एन कालेज, अम्बाला छावनी साधुवाद एवम् धन्यवाद की पात्र हैं जिनके सहयोग, समर्थन, उद्यम और निर्देशन से यह कार्य सम्भव हो पाए हैं।
सादर
आशुतोष आङ्गिरस