Institute of Applied Sanskrit- Shaastriya Knowledge
(An undertaking of Angiras Clan), Chandigarh

अनुप्रयुक्त संस्कृत- शास्त्रीय ज्ञान संस्थान
(आंगिरस कुल का उपक्रम), चण्डीगढ़

House no - 1605, Sector 44 B, Chandigarh. (UT). Pin- 160044

E-mail - sanskrit2010@gmail.com, Mobile - 9464558667

Collaborators in Academic Karma - Saarswatam ®, Chandigarh(UT), Darshan Yoga Sansthaan, Dalhousie(HP)

दीनदयाल जी के जीवन पर आधारित यह सुलभ साहित्य एक सकारात्मक प्रयास है युवा भारत को न केवल “राजनीती के संत” के जीवन का परिचय प्रदान करने का बल्कि गत दिनांक के सबसे बड़े प्रश्न “आदर्श राजनेता कैसे हो?” का व्यावहारिक उत्तर प्रदान करने का है।

न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि प्रत्येक व्यक्ति हेतु निजी दृष्टिकोण से भी दीन दीनदयाल जी के जीवन पर आधारित यह साहित्य इस सत्य पर प्रकाश डालता है कि विपरीत तरह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सैंद्धांतिक तथा सकारात्मक पथ पर चलकर एक साधारण व्यक्ति किस प्रकार से सामाजिक जीवन के शिखर पर पहुँच सकता है।

यदि सही अर्थो में पुस्तक का अध्यन्न कर दीनदयाल जी के जीवन का अनुसरण किया जाये तो भारतीय समाज पुरे विश्व के लिए मानवता तथा सिद्धांतवादी व्यावहारिक व्यवस्था का मानक बन जायेगा।

पंडित दीनदयाल के जीवन पर आधारित यह पुस्तक भारतीय समाज की वास्तविक परिभाषा है जो समाज हित तथा राष्ट्रीय जीवन को जाती, धर्म या राजनैतिक दलवाद से ऊपर रख अंत्योदय के सिद्धांत के साथ समाज में सबसे कमजोर वर्ग के उत्थान को सर्वोपरि रखने के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है।

पुस्तक में प. दीनदयाल उपाध्याय के जन्म से लेकर बलिदान तक सभी महत्वपूर्ण घटनाओं, आंदोलनों आदि को सरलता से अंकित किया गया है। पुस्तक को पढ़ कर देश की युबा पीढ़ी दीनदयाल जी के सिधान्तो, राष्ट्रवादी मूल्यों, समरसता एवं अंत्योदय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने हेतु मददगार होगी।